कचा सुतना वाजवा टाका मांडव त्यांनी दारे। कोण घरण शोभन …..….. आम्हले निवते राहज्यात।। आम्हले नाही ना रजा।। आम्हणा लोखंडी दरवाजा।। आम्हणा धनी शाहू राजा।। तपती आंघोइ करझ्यात।। गंध घासुनी लवाज्यात ।।। रंगीत वयल्या जुपज्यात।। बहीण भाची ले मुइ लावज्यात। शोभन चलाई लेज्यात।। राम सोडी दे वासरू।। लक्ष्मण धुई लेय गाय।। सीता माय धुद्ध लाय।। या धुध नी पिवळी साय।।। यांनी वासना जाये सरगे।। सरगे वडील म्हणती।। मना घर गजर कसाना।। आम्हणा वशेला नांदती कन्या पुत्र उजयती। वेल मांडव बारी जाती।।