हळदीचे गाणे अहिराणी

गंगा जमुना दोन्ही खेते . तटे काय देव पोयना रोपे।। तंटे काय कापुसना भेटे ।। तटे काय सीताबाई काते।। तटे काय प्रभू उकले तान्हा।। इष्णू किष्णू कांड्या भरे . काय रुक्मिणी पोयत करे।। तटण पोयत कोणल आण।। तटण पोयत नवरदेवले आण।। नवरदेवना बाप घोडे उणा ।। बशिंग मोती जडे उणा।। वाजा गयरत उणा। मोती पयरत उणा।।। गोत बलावत उणा।। या काय पाचही सुवासिनी।। या काय पाटील वाडान्या।।। या काय परणीक जोळण्या।। या काय ब्राह्मना यदे।। या काय गुरू वाणी वदे।। इसना पदम पावले।। या काय हात करवल्या.।।

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