सोनानि कुदाई रूपाना दांड।।। खाननी खााननी वावडे नि खान।। ….खाननी पिवळी माती।। ती माती ती माती तमाणे भरा।। तमाणे भरा मी रुमाले झाका।। वाजत गाजत कुंभार घरी।।। कुंभार भाऊ नी दामेंडा घडी।। दामेंडा घडाले जरी ना परी।।। दिनीव सायबानी रंगीत गाडी।।। उणीव वरमाय झन कार देत।। झनकारे झनकारे उदयनी माती।। बाहेर निघावं मायेण्या बहिणी।। आणावं आणावं गंगेच पाणी।। पीक भिजल्या पाणी।।। यात भरल्या निम्बुच्या फोडी।। कुरडया तळल्या सूर्यान तेज।। लाडुज बांदिले रवाना चेंडू।। पुऱ्याज तळल्या पुनीना चांद।। जेवडा जेवडा नवरदेवन गोत।।